परिचय




पण्डित राकेश भार्गव का जन्म दुनिया को वैदिक ज्योतिष का ज्ञान देने वाले व ज्योतिष विधा के जनक भृगुसंहिता के रचयिता महर्षि भृगु के भृगुवंशी ब्राह्मण परिवार में 08 सितम्बर 1979 को ग्राम भोड़की जिला झुंझुनू (राज.) में हुआ। पंडित जी के परदादा बशेसर लाल जी भार्गव प्रसिद्ध ज्योतिषी थे। उन्हें वाक शक्ति हासिल थी। पण्डित जी के दादा जी श्री मान प्रहलादराय भार्गव अपने समय के प्रसिद्ध ज्योतिषी थे। पण्डित जी के पिताजी श्री मुरारी लाल भार्गव भी अपने समय के नामचीन विख्यात ज्योतिषी, तांत्रिक व मन्त्रज्ञ थे। 

पण्डित श्री राकेश भार्गव ने 1994 में मैट्रिक 67% से व 1996 में सीनीयर सैकेण्डरी (कला वर्ग) से 73 प्रतिशत व कक्षा में प्रथम स्थान के साथ राजकीय स्कूल भोडकी से उतीर्ण किया। पण्डित जी ने 1999 में जी.बी.पौद्दार कॉलेज नवलगढ़ (झुंझुन) से स्नातक(कला वर्ग) 63 प्रतिशत के साथ कक्षा में द्धितीय स्थान प्राप्त करके उतीर्ण हुए।




पण्डित जी ने अपने पिताजी जी से, जो उस समय प्रसिद्ध व विख्यात ज्योतिषी व तांत्रिक थे उनके सानिध्य में सन 1999 से 2004 तक ज्योतिषी, तन्त्र, मन्त्र व रत्न रुद्राक्ष रहस्य का ज्ञान प्राप्त किया। इसी बीच पण्डित जी ने 2003 मे जैन विश्वभारती (मान्य विश्वविधालय ) लाडनू(नागौर) से प्रेक्षाध्यान व जीवनविज्ञान से सर्टिफिकेट कोर्स किया तथा 80 प्रतिशत अंको  से "A" ग्रेड प्राप्त किया।  




पण्डित जी ने अपने जन्म स्थान ग्राम भोड़की जिला झुंझुनू में स्वतंत्र रूप से सन 2004 में  - ज्योतिष, तन्त्र, मन्त्र, यन्त्र, योग ध्यान, वस्तु, रत्न, व रुद्राक्ष के द्धारा समस्याओ का समाधान करना शुरू कर दिया। तथा  जनवरी 2005 से अगस्त 2005 तक जैन विश्वभारती लाडनू(नागौर) राज. में स्थित तुलसी नीडम में प्रेक्षाध्यान, जीवनविज्ञान तथा योग के प्रशिक्षक का कार्य भी किया। 


पण्डित जी ने अप्रेल 2009 से मई 2011 तक झुंझुनू जिले की प्रसिद्ध सीबीएसई स्कूल, डूंडलोद पब्लिक स्कूल डूंडलोद (नवलगढ़) झुंझुनू (राज.) में योग व  ध्यान के मुख्य प्रशिक्षक (Head of Department) के रूप में कार्य किया। योग व ध्यान के अध्ययन के साथ ज्योतिष मन्त्र वास्तु अनुसन्धान का कार्य भी चलता रहा। 


पण्डित जी सन 2012 में चुरू (राजस्थान) आ गये। तथा  ज्योतिष, तन्त्र, मन्त्र, यन्त्र, रुद्राक्ष, वास्तु, रत्न, व योग ध्यान आदि का ज्ञान लोगो को बाँटने व इनकी सेवाएं देने के लिए भगवान श्री शनिदेव के अनन्य भक्त श्री राकेश भार्गव ने अपने आराध्य देव शनि भगवान के नाम पर 16 अप्रेल 2013 को जय श्री शनिदेव चेरिटेबल  ट्रस्ट की स्थापना की।  इसके आजीवन मुख्य ट्रस्टी व संचालक श्री राकेश भार्गव जी है, दूसरे आजीवन ट्रस्टी श्रीमति कान्ता भार्गव पत्नी राकेश भार्गव है तथा तीसरे आजीवन ट्रस्टी सुरेन्द्र भार्गव पुत्र मुरारी लाल भार्गव है। इसके अलावा 10 मनोनीत ट्रस्टी है।





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जय श्री गणेशाय नम :
पण्डित राकेश भार्गव का जन्म दुनिया को वैदिक ज्योतिष का ज्ञान देने वाले व ज्योतिष विधा के जनक भृगुसंहिता के रचयिता महर्षि भृगु के भृगुवंशी ब्राह्मण परिवार में 08 सितम्बर 1979 को ग्राम भोड़की जिला झुंझुनू (राज.) में हुआ। पंडित जी के परदादा बशेसर लाल जी भार्गव प्रसिद्ध ज्योतिषी थे। उन्हें वाक शक्ति हासिल थी।
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